देश में कैशलेस व्यवस्था को स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार बड़े कैश विड्रॉवल पर टैक्स लगाने का मसौदा तैयार कर रही है। बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक इस मसौदे को अगर सरकार मंजूरी दे देती है तो 1 फरवरी को बजट 2017-18 में इसके लिए प्रावधान की घोषणा कर दी जाएगी।
केन्द्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2016 में डिजिटल पेमेंट के जरिए ट्रांजैक्शन में 43 फीसदी की इजाफा देखने को मिला है। केन्द्र सरकार का मानना है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को करने में लागत करेंसी नोट छापने से बेहद कम है। हालांकि अभी डिजिटल ट्रांजैक्शन करने की लागत पूरी तरह से दुकानदार और ग्राहक को वहन करनी पड़ती है।
केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि इस नए टैक्स को लगाने के पीछे केन्द्र सरकार की मंशा डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की है। केन्द्र सरकार चाहती है कि अर्थव्यवस्था में कैश का संचार कम से कम रहे। इस अधिकारी के मुताबिक, कैश विड्रॉवल पर टैक्स एक विकल्प है जिसपर सरकार विचार कर रही है। इसपर शीर्ष राजनीतिक स्तर पर फैसला लिया जाना है।