जांबाज ‘चीता’ की हिम्मत को सलाम: दुश्मन की नौ गोलियां खाकर सीमा पर डटा रहा ये जवान

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चेतन चीता

मैदान-ए-जंग में नौ गोली खाने से लेकर अस्पताल में ज़िन्दगी की जंग तक हर मुकाम पर जीत का परचम लहराने वाले CRPF के कमांडेंट चेतन कुमार चीता को आखिरकार होश आ गया, वह दो महीने से कोमा में थे, दिल्ली के एम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे थे, बुधवार को उनको अस्पताल से घर भेज दिया गया।

चेतन पिछले दो महीने से एम्स ट्रॉमा सेंटर में थे, एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, चेतन चीता की हालात में पहले से अब काफी सुधार हुआ है। उनको जब अस्पताल लाया गया था, उस वक्त उनके सिर पर बहुत ही गंभीर चोट थी, शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह से फ्रैक्चर था और दाईं आंख पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। उनका GCS (सिर की चोट की गंभीरता तय करने का टेस्ट) का स्कोर M3 था, जो अब M6 है। वह पूरी तरह होश में हैं,लोगों की बातों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में जख्मी हुए राजस्थान के कोटा निवासी सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू चीता से मिलने आज एम्स के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में चेतन को 9 गोलियां लगी थीं, जिसके बाद उनके बचने की उम्मीद काफी कम थी।

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बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोर जिले के हाजिन इलाके में 3 जवान और एक आतंकवादी मारा गया था और चीता बुरी तरह घायल हो गए थे। सीआरपीएफ के इस कमांडर को सबसे पहले श्रीनगर के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया था और उन्हें खून रोकने की दवाई दी गई थी लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। 24 घंटे में ही उनकी सर्जरी की गई और खोपड़ी के एक हिस्से को हटा दिया गया ताकि इंट्राक्रेनियल दबाव को कम किया जा सके, चीता को अत्यधिक एंटीबायोटिक्स पर रखा गया था ताकि इन्फेक्शन कम किया जा सके।

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