पांच देशों का 8वां ब्रिक्स सम्मेलन रविवार को गोवा में खत्म हो गया। पीएम मोदी ने ब्रिक्स सदस्य देशों ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हुई बैठक में आतंकवाद का मुद्दा जोरशोर से उठाया। उन्होने ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर जमकर निशान साधा। इस मौके पर चीन ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए व्यापक रणनीति पर जोर दिया। मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि पड़ोसी देश आतंकवाद की जननी है। लेकिन चीन की मौजूदगी में मोदी की रणनीति असफल रही।
भारत को उम्मीद थी कि भारत में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आंतकी संगठनों का जिक्र किया जाएगा। समिट सेक्रटरी (इकनॉमिक रिलेशंस) और इंडिया ब्रिक्स टीम की अगुवाई कर रहे अमर सिन्हा ने बताया कि घोषणापत्र में ब्रिक्स देशों के बीच इन आतंकी संगठनों के जिक्र को लेकर आम सहमति नहीं बन सकी।
सिन्हा ने कहा, ‘पाकिस्तान में जड़ जमाए इन आंतकी संगठनों का निशाना भारत है, इसलिए ब्रिक्स के दूसरे देशों के लिए चिंता की बात नहीं है।लेकिन हम इससे प्रभावित होते हैं। यह भारत के लिए निराशाजनक रहा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आंतकी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट और जबात-अल-नुसरा का घोषणापत्र में जिक्र किया गया।’
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