दिल्ली
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने देश व प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार पर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के मौन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
पायलट ने आज एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पूरे देश में दलितों पर अत्याचार के मामलों में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। भाजपा शासित गुजरात और राजस्थान में दलितों की हत्या तथा उनके साथ हुई बर्बरता के प्रकरणों ने भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात के ऊना में दलितों के साथ जिस प्रकार से तथाकथित गौरक्षक दल ने अमानवीय व्यवहार किया है, उससे पूरे देश के दलित आक्रोशित हैं और अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इन सब घटनाओं के बावजूद प्रधानमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का मौन प्रमाणित कर रहा है कि उन्हें दलितों पर हो रहे अत्याचार से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि गत् दिनों राज्य में दलित युवती के साथ कथित बलात्कार कर उसे मार डाला गया था, मृतका के परिजनों को न्याय मिल सके, यह सुनिश्चित करवाने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गॉंधी ने बाड़मेर पहूंचकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। दबाव में आई सरकार ने सीबीआई जांच का निर्देश दिया, परन्तु आज तक यह कागजों तक ही सीमित है और किसी प्रकार की प्रगति इस मामले में नहीं हुई है।
पायलट ने कहा कि भाजपा के इस व्यवहार से दलितों का दमन करने वालों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और बिहार व उत्तर भारत के कई राज्यों में दलित अत्याचार की घटनाएं प्रतिदिन सामने आ रही है। भाजपा के मंत्रियों की बयानबाजी व कार्यप्रणाली हैदराबाद विश्वविद्यालय के रोहित वेमुला हत्याकाण्ड के लिए जिम्मेदार रही है। उन्होंने कहा कि दलित विशेष योजनाओं के लिए वर्ष 2012-2013 में संप्रग सरकार ने 80,310 करोड़ रूपये स्वीकृत किये थे, वहीं भाजपा ने इसमें अप्रत्याशित कटौती करते हुए मात्र 53,673 करोड़ रूपये इस वास्ते स्वीकृत किये हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त तथ्य इस बात के गवाह हैं कि देश का दलित समाज भाजपा के राज में अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हुए पूरी तरह से निराश है। व्यवस्था के स्तर पर व्याप्त मौन उनके साथ हो रहे शोषण को और बढ़ावा दे रहा है।