खौफ का दूसरा नाम बन चुका आतंकी दाऊद इब्राहिम कास्कर, जिसे लोग डॉन के नाम से भी जानते हैं। 1993 के मुंबई धमाकों का मास्टर माइंड दाऊद दो दशक से पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड आतंकी है लेकिन वो आज तक पुलिस के साथ आंखमिचौली का खेल खेलता रहा है। पर अब लगता है कि डॉन का दबदबा कम होने लगा है। डॉन की उल्टी गिनती शुरू होने लगी है। क्योंकि जिस तरह हिंदुस्तान के लिए दाऊद आस्तीन के सांप की तरह मशहूर है। ठीक उसी तरह दाऊद के खेमे में भी आस्तीन के सांप पल रहे हैं।
डॉन के एक गुर्गे खलीक अहमद ने डॉन को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है। अहमद दऊद को 40 करोड़ रुपए का चूना लगाकर गायब हो गया है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक खलीक को 45 करोड़ की रकम दिल्ली के किसी ‘सफेदपोश’ शख्स से लेनी थी। इस रकम में से 40 करोड़ विदेशों में हवाला चैनल के जरिए भेजना था। पांच करोड़ खलीक को इस पूरे काम के बदले इनाम के तौर पर मिलना तय था, लेकिन खलीक के साथ 40 करोड़ रुपए भी गायब हो गए।
भारतीय जांच एजेंसियों को इस बात की जानकारी मिली है कि गबन का खुलासा जाबिर मोती और खलीक अहमद के बीच फोन पर हुई बातचीत से हुआ। मोती पाकिस्तान में दाऊद का खास आदमी है। वहीं, अहमद भारत और शारजाह के बीच आता-जाता रहता है और इस नंबर +9170852*22** का प्रयोग करता है।
जांच में खुलासा हुआ है कि मोती ने फोन पर खलीक अहमद से पैसों के हेरफेर के बारे में पूछा। मोती ने दाउद के किसी गुर्गे रजत भाई का नाम लेकर पैसों के बाबत पूछा। दाउद के गुर्गे रजत के अनुसार, खलीक ने बड़े हजरत (दाऊद) के नाम का दुरुपयोग कर पैसों का गबन किया है। खलीक की इस हरकत की वजह से बड़े हजरत के नाम को धक्का लगा है।
जांच एजेंसियों को सूत्रों से पता चला है कि डी कंपनी के दो जासूसों को खलीक को पकड़ने के लिए दिल्ली से कनाडा भी 26 नवंबर 2015 को भेजा गया था। माना जा रहा है कि दाऊद के साथ फ्रॉड करने के बाद से खलीक अहमद मणिपुर में छिपा हुआ है।