दाऊद से जुड़े कानपुर रेल हादसे के तार

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बिहार के मोतिहारी में तीन आरोपी उमाशंकर पटेल, मोतीलाल पासवान और मुकेश यादव ने पकड़े जाने के बाद जो जानकारियां दीं, उन्हीं पर कार्रवाई करने के बाद खुफिया एजेंसियां जांच में आगे बढ़ रही हैं। उमाशंकर, मोतीलाल और मुकेश को दीपक और उसके चाचा अनिल राम की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

दीपक और अनिल राम ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रेलवे ट्रैक पर कुकर बम रखा था। हालांकि, वे अपने मंसूबों को अंजाम देने में नाकाम रहे क्योंकि बम को गांववालों ने देख लिया और बाद में उसे डिफ्यूज भी कर दिया गया। हालांकि, इस घटनाक्रम की वजह से इनके हैंडलर्स को लगा कि दोनों ने गद्दारी की है। नेपाल के बृजकिशोर गिरी ने उमाशंकर, मोतीलाल और मुकेश को इन दोनों को मारने के लिए भेजा।

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मोतीलाल पासवान ही वो शख्स है, जिसने कानपुर रेल हादसे में शामिल होने की बात कबूली थी। उसने बताया कि वह हमलों को अंजाम देने के लिए पैसे और दूसरी मदद के लिए हुदा और गिरी के संपर्क में था। उन्होंने यह भी कबूला है कि दीपक और अनिल राम के सिर काटने के बाद उसकी तस्वीरें गिरी और हुदा को सबूत के तौर पर भेजे गए।

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गिरी को हुदा से पैसे मिलते थे। गिरी ने कथित तौर पर उमाशंकर, मोतीलाल और मुकेश को तीन लाख रुपए दिए। इसके अलावा, फ्लैट, गाड़ियां और भोजपुरी फिल्म बनाने में मदद देने का आश्वासन भी दिया। गिरी और उसके दो साथियों शंभू और मुजाहिर अंसारी को नेपाल पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। गिरी की हालत गंभीर है क्योंकि उसे कम से कम चार गोलियां लगी हैं।

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