भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी पर इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) की ओर से लगाई गई रोक के बाद पूरे देश में वकील हरीश साल्वे की जमकर तारीफ हो रही है। हालांकि, साल्वे जितना क्रेडिट पाने का हकदार एक शख्स और भी है, जिसने बेहद खामोशी से भारत के इस मिशन को अंजाम दिया।
डॉ दीपक मित्तल भारतीय विदेश मंत्रालय में जॉइंट सेक्रटरी हैं। वह आईसीजे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे थे। आईसीजे की बोलचाल की भाषा में भारतीय विदेश सेवा का यह अधिकारी भारत की ओर से एक ‘एजेंट’ था। जहां वकील साल्वे ने भारत की ओर से कानूनी पैरवी की, वहीं, डॉ मित्तल ने आईसीजे में भारत का केस रखने में अहम भूमिका निभाई।
मित्तल की केस पर पैनी नजर और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर आईसीजे की कार्यवाही के दौरान भी दिखा। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सभी को मित्तल से जुड़ा वाकया याद है। पाक प्रतिनिधिमंडल के अडवाइजर सैयद फराज हुसैन जैदी ने जब हैंडशेक के लिए हाथ बढ़ाया तो मित्तल ने उन्हें हाथ जोड़कर ‘नमस्कार’ किया। जैदी नीदरलैंड्स स्थित पाकिस्तानी दूतावास में अधिकारी हैं। मित्तल की यह फटकार जैदी के लिए ज्यादा तकलीफदेह इसलिए भी रही क्योंकि मित्तल ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के बाकी सभी सदस्यों से हाथ मिलाया।
मित्तल ने आईसीजे में भारत के दावे के दावे को मजबूती दी। भारत ने कहा था कि जाधव एक निर्दोष भारतीय हैं, जिन्हें मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर बंदी बनाकर रखा गया है। गुरुवार को जब फैसला सुनने के लिए दोनों पक्ष कोर्ट में आए तो भारत का कॉन्फिडेंस शुरुआत से ही नजर आया। मित्तल और बाकी टीम मेंबर पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से काफी पहले ही अदालत पहुंच गए। फैसला सुनाते हुए आईसीजे के प्रेजिडेंट रॉनी अब्राहम ने कहा कि कोर्ट का फैसला सभी पर लागू होता है और पाकिस्तान सुनिश्चित करे कि वह फैसले का पालन करने जा रहा है।