दिल्ली: दिल्ली मेट्रो की तरफ से यात्रियों के लिए निराशा जनक खबर सामने आ रही है। दिल्ली मेट्रो का किराया तय करने के लिए बनाई गई फेयर फिक्सेशन कमेटी (एफसीसी) ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एफसीसी ने किराये में न्यूनतम दो रुपये जबकि अधिकतम 20 रुपये बढ़ाने की सिफारिश की है। वर्तमान में न्यूनतम किराया 8 और अधिकतम 30 रुपये है। यदि सिफारिश मान ली गई तो दिल्ली मेट्रो का सफर 66 फीसदी तक महंगा हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार एफसीसी मेट्रो का किराया तय करने के लिए तीन महीने का और वक्त चाहती थी। मगर कमेटी की इस मांग को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने खारिज कर दी। इससे कमेटी ने तय समय के अंदर ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सूत्रों की मानें तो कमेटी ने दिल्ली मेट्रो का किराया तय करने के लिए चेन्नई मेट्रो के फॉर्मूला को अपनाया है। वहां न्यूनतम किराया 10 व अधिकतम 40 है।
दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क बड़ा है इसलिए एफसीसी ने अधिकतम किराया 50 रुपये रखा है। वर्तमान में मेट्रो का न्यूनतम किराया 8 रुपये जबकि अधिकतम किराया 30 रुपये है। अगर सिफारिशें लागू हुई तो यह 10 और 50 रुपये हो जाएगा। हालांकि इस पर आखिरी फैसला शहरी विकास मंत्रालय के सचिव राजीव गाबा को लेना है जो कि डीएमआरसी बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। वह सिफारिश के आधार पर किराया घटा तो सकते है लेकिन इसे बढ़ा नहीं सकते है।
बताते चलें कि मेट्रो का किराया 2009 के बाद से नहीं बढ़ा है, जबकि यह प्रत्येक तीन सालों पर बढ़ना चाहिए। 2009 में न्यूनतम किराया 6 से बढ़ाकर 8 और अधिकतम किराया 22 से बढ़ाकर 30 रुपये किया गया था।
शहरी विकास मंत्रालय ने बीते जून में एफसीसी का गठन किया था जिसमें रिटायर्ड जज एमएल मेहता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का एक प्रतिनिधि और शहरी विकास मंत्रालय का एक प्रतिनिधि शामिल था। जनता से भी सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
शहरी विकास मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही मेट्रो इसे इसी माह के आखिर तक लागू करेगी। क्योंकि मेट्रो को अपने साफ्टवेयर को अपडेट करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय चाहिए।
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