नई दिल्ली। भारत में लंबे समय से रूसी राजदूत रहे अलेक्जेंडर कदाकिन का दिल्ली में गुरुवार(26 जनवरी) को निधन हो गया। वह 67 साल के थे। मंझे हुए राजनयिक कदाकिन धारा प्रवाह हिंदी बोलते थे और उन्हें भारत का करीबी मित्र माना जाता था।
इस दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह कदाकिन की मौत से काफी दुखी हैं। जबकि, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि कदाकिन के निधन से भारत ने अपना एक मूल्यवान मित्र खो दिया है।
कदाकिन भारत मैं रूसी राजदूत के तौर पर 2009 से ही काम कर रहे थे। उनका भारत में राजदूत के तौर पर यह दूसरा कार्यकाल था। इससे पहले वह 1999 से लेकर 2004 तक भी भारत में रूस के राजदूत रह चुके हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, कदाकिन ने एक निजी अस्तपाल में बजकर 56 मिनट पर अपनी आखिरी सांस ली। भारत और रूस के संबंधों को प्रोत्साहन देने में उनका उल्लेखनीय भूमिका माना जाता है।