नोटबंदी का असर जानने के लिए हर राज्य से इनपुट लिए गए। खास तौर पर संवेदनशील राज्यों के जिलों से भी सूचनाएं मांगी गईं। पीएम ने हाई लेवल रिव्यू मीटिंग किए, जिनमें नोटबंदी का कश्मीर में पाक समर्थित आतंकवाद, जाली करंसी और माओवादियों के फंडिंग नेटवर्क पर असर के बारे में चर्चा हुई। अफसर के मुताबिक, ‘जमीनी स्तर पर आतंकवादियों का नेटवर्क कमजोर होने की वजह से बीते कुछ हफ्तों में घाटी में कई कामयाब एंटी टेरर ऑपरेशंस चलाए गए। कैश की कमी की वजह से स्थानीय असामाजिक तत्व पत्थरबाजी के लिए युवाओं को लुभा नहीं पा रहे।’
जांच के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से भ्रष्ट सरकारी अफसरों की गतिविधि कम हुई है। इसके अलावा, लैंड माफियाओं द्वारा कृत्रिम तरीके से महंगे किए गए रियल एस्टेट मार्केट में भी कीमतों में सुधार हुए हैं। जांच एजेंसियों ने पाया, ‘नोटबंदी की वजह से, नक्सली संगठनों द्वारा हथियारों की खरीद-फरोख्त पर भी असर पड़ा। बहुत सारे नक्सलियों ने नॉर्थ ईस्ट छोड़ दिया और अपनी सेफ्टी के लिए सीमा के दूसरी ओर चले गए।’ एजेंसियों की पड़ताल के निष्कर्षों के हवाले से अफसरों ने बताया, ‘छत्तीसगढ़ के बस्तर के अलावा झारखंड में बड़े माओवादी नेता पुराने नोटों को नए नोटों से बदलवाने के लिए लोगों की मदद मांगते नजर आए। उन पर बड़े पैमाने पर सरेंडर करने का दबाव है।’