नोटबंदी से आतंकवाद पर जोरदार चोट, घाटी में हिसंक घटनाओं में भारी कमी

0
कश्मीर
फाइल फोटो
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

नोटबंदी से फर्जी करंसी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। घाटी और देश के दूसरे हिस्सों में आतंकवाद पर भी जोरदार वार हुआ है। जाली नोट छापने वाली दो अहम पाकिस्तानी प्रेस को मजबूरन बंद किया गया है। नोटबंदी का राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़े असर की पड़ताल कर रही जांच एजेंसियों ने ये जानकारियां केंद्र सरकार से साझा की हैं।

बीते तीस दिनों में नोटबंदी के असर की पड़ताल कर रही जांच एजेंसियों के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से आतंकियों की फंडिंग पर शिकंजा कसा है। इसकी वजह से ही दिसंबर में घाटी में आतंकवाद से जुड़ी हिंसा की घटनाओं में 60 फीसदी की कमी आई है। इस महीने यहां सिर्फ एक बम धमाका हुआ। इसके अलावा, नोटबंदी की वजह से नक्सली गतिविधियों पर भी चोट पहुंची है। वहीं, भारत में हवाला एजेंट्स के कॉल ट्रैफिक में भी 50 फीसदी की कमी आई है।

इसे भी पढ़िए :  'जल्द खत्म होगी पैसा निकालने की लिमिट'

कुछ सीनियर सरकारी अफसरों ने जांच एजेंसियों की पड़ताल के निष्कर्ष हमसे साझा किए। अफसर के मुताबिक, नोट के डिजाइन में क्रांतिकारी बदलाव और नए सुरक्षा फीचर्स की वजह से सीमा के पार भी जाली नोट के धंधे पर बुरा असर पड़ा है। एक अफसर ने बताया, ‘पाकिस्तान अपने क्वेटा स्थित सरकारी प्रेस और कराची के एक प्रेस में जाली भारतीय करंसी छापता रहा है। नोटबंदी के बाद, पाकिस्तान के पास जाली नोटों की दुकान बंद करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा। एजेंसियों की पड़ताल में यह पता चला है।’

इसे भी पढ़िए :  जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने किया ग्रेनेड से हमला, एक की मौत, 9 घायल

बता दें कि 8 नवंबर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था। उन्होंने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए जाली नोटों के कारोबार पर लगाम कसे जाने की जरूरत पर जोर दिया था। अधिकारियों का कहना है कि भारत में चल रहे अधिकतर जाली नोट 500 और 1000 के ही हैं।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी की ये 5 बातें पढ़कर आप खुद तय करें कि मोदी ज्यादा समझ रहते हैं या मनमोहन ? पढ़ें जरूर
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse