सीमा को घर में देशभक्ति का माहौल विरासत में मिला है। उनके पिता प्रो. रमाकांत सिनारी स्वतंत्रता सेनानी रह चुके हैं। बचपन से सेना के लिए काम करने का संपना सीमा ने संजोया था। इसके लिए वह मार्शल आर्ट 12 साल की उम्र में ही सीखना शुरू कर दिया। उस दौरान हम उम्र दीपक राव से दोस्ती हुई। दीपक राव बाद में सेना में मेजर हुए। दोनों ने बाद में शादी की। इसके बाद उन्होंने शूटिंग सहित तमाम तरह के सैन्य व कमांडो प्रशिक्षण लिए। पति-पत्नी ने एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद लॉ और आपदा प्रबंधन की डिग्री ली। सेना के कमांडोज की ट्रेनिंग में कहीं बाधा न पड़े, इसलिए सीमा राव ने बच्चे न पैदा करने का फैसला किया। गर्भ धारण न करने के फैसले में पति की भी सहमति रही। सीमा ने पति के साथ मिलकर बच्चे की कमी को पूरा करने के लिए एक बच्ची को गोद लिया है। इस वीर नारी के अंदर देशभक्ति इस कदर कूट-कूटकर भरी है कि कई बार ट्रेनिंग देते हाथ-पांव में फ्रैक्चर हो गए, मगर उत्साह ठंडा नहीं हुआ। अस्पताल से महीनों के इलाज के बाद स्वस्थ होते ही दोगुनी उत्साह से ट्रेनिंग देना चालू कर देती हैं।
सीमा ने पति दीपक राव के अनआर्मर्ड कमांडो कोम्बेट अकादमी की नींव डाली। यह देश में सेना के जवानों को प्रशिक्षण देने के साथ उन्हें सैद्धांतिक शिक्षा भी देती है। अकादमी ने सैन्य प्रशिक्षण को लेकर अब तक सात किताबें प्रकाशित की हैं। जिसका उपयोग भारतीय सेना के अफसर सेना को जानने-समझने के लिए करते हैं। इसमें से एनसाइक्लोपीडिया ऑफ क्लोज कोम्बेट ऑप्स नामक किताब को एफबीआई और इंटरपोल जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने पुस्तकालय की शोभा बढ़ाने में उपयोग कर रहीं हैं।