नई दिल्ली। अगले महीने से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों का ही नहीं, चुनाव आयोग का भी इम्तिहान होना है। मंगलवार(10 जनवरी) को चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर राजनीतिक दलों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा वह मूकदर्शक बनकर नहीं रहेगा।
राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों को संबोधित एक पत्र में चुनाव आयोग ने दलों को स्मरण कराया है कि जिन 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा की गई है उनमें चार जनवरी से ही आदर्श आचार संहिता लागू है। आचार संहिता नेताओं को सांप्रदायिक बयान देने पर रोक लगाती है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए आयोग ने नेताओं को चेतावनी दी है कि यदि आदर्श आचार संहिता कानून के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ तो आयोग मूक दर्शक नहीं बैठा रहेगा और कोई भी इससे छुटकारा नहीं दिला सकता।
पत्र में कहा गया है कि राजनीतिक दल और उसके नेता ऐसे बयान देने से बाज आएं जो धर्म के आधार पर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच तालमेल और शांति एवं भाईचारा बिगाड़ने का काम करें। स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिए इसकी सख्त जरूरत है।