बिना इजाजत अहम फैसले करने पर चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार की लगाई फटकार

0
चुनाव आयोग
फाइल फोटो।

चुनाव आयोग (EC) ने पिछले दिनों कुछ केंद्रीय मंत्रालयों की ओर से किए गए फैसलों पर नाखुशी जाहिर की है। इसके लिए उन्होंने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है कि आदर्श आचार संहिता पर उसके दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन हो। आगे से सरकार अगर चुनावी राज्यों के लिए कुछ कदम उठाना चाहती है तो उसे पहले चुनाव आयोग के उन लोगों से इजाजत लेनी होगी जो पांचों राज्यों के चुनाव पर नजर रखे हुए हैं।

आयोग ने लिखा है कि, आयोग की अनुमति के बगैर मंत्रालयों ने कुछ ऐसे फैसले किए है जिससे पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों को मिलने वाला समान अवसर प्रभावित हो सकता है ।

इसे भी पढ़िए :  सरकार के तीन साल: दिल्ली में नहीं रहेंगे मोदी, करने वाले हैं ये काम

यह आदेश खासतौर पर वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और रक्षा मंत्रालय के लिए आया है। पीके सिन्हा को भेजे गए पत्र में साफ कर दिया गया है कि सरकार द्वारा लिया गया कोई भी फैसला पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में असर डाल सकता है। पत्र में चुनाव आयोग ने केंद्र के किसी खास काम या घोषणा का तो जिक्र नहीं किया है लेकिन केंद्र को सावधान जरूर कर दिया है।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी को लेकर अरुण शौरी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, डेंगू का यह मच्छर स्विटजरलैंड में लेकिन आप लाठी यहां भांज रहे हैं

वहीं चुनाव आयुक्त नसीम जैदी भी केंद्र के कुछ फैसलों को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार ने केंद्रीय बजट पेश करने से पहले उनसे संपर्क नहीं किया यानी किसी तरह की राय नहीं ली। केंद्र सरकार द्वारा चुनाव से पहले बजट लाने की बात चुनाव आयोग को तब पता लगी जब विपक्षी दल उसकी शिकायत लेकर पहुंचे। हालांकि, बाद में चुनाव आयोग ने बजट को मंजूरी दे दी थी लेकिन इस शर्त के साथ अनुमति दी थी कि जिन राज्यों में चुनाव हैं उनके लिए कोई विशेष योजना नहीं लाई जाएगी। चुनाव आयोग के मॉडल ऑफ कंडक्ट के हिसाब से सत्ता में मौजूद लोग चुनाव के दौरान अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसलिए सरकार को चुनावी राज्य के लिए कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग को जानकारी देनी होती है।

इसे भी पढ़िए :  जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैय्यबा के 6 आतंकी गिरफ्तार