जानिए : क्या हैं उत्साह के सात दीए ?

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दीए

दिवाली के दीए, पूजा, फूल उत्साह है। रोशनी, मिठाई, स्वच्छता उत्साह है। अमावस की रात का सुबह की ओर बढ़ना उत्साह है। श्रीराम का अयोध्या लौटना, भगवान महावीर का निर्वाण पाना, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब का कारावास से अमृतसर लौटना भी उत्साह ही है।

1. परिवार के नाम -वे लोग जो आपका परिवार हैं और जो आपको अपना परिवार मानते हैं। क्योंकि परिवार का प्रेम ही था जो श्रीराम 14 साल के बाद अयोध्या पहुंचे।
2. प्रतिष्ठा के नाम –जो प्रतिष्ठा आपने अर्जित की और जिनके लिए प्रतिष्ठा दिलाने वाला कार्य किया। क्योंकि प्रतिष्ठा के लिए ही श्री गुरु हरगोबिंंद साहिब ने शत्रुओं से संघर्ष किया।
3. प्रियजन के नाम – जो आपके प्रिय हैं, और वे लोग आपको प्रिय मानते हैं। अच्छे की कामना करते हैं। क्योंकि प्रियजन से आनंद है। वैसे ही जैसे ज्योति से ज्योति जलती है और प्रकाश आता है।
4. परंपरा के नाम – जो हमें विरासत में मिली हैं और वे नई परंपराएं जिन्हें हम आगे बढ़ाना चाहते हैं। क्योंकि परंपराएं ही जीवन मूल्य हैं। आगे बढ़ना और पुराने का सम्मान सिखाती हैं।
5. परोपकार के नाम –जिन्होंने आप पर उपकार किया और आप जिनके लिए कुछ करना चाहते हैं। क्योंकि परोपकार के लिए महावीर ने वैभव छोड़ा, ताकि ज्ञान का प्रकाश फैले।
6. प्रकृति के नाम –जिसने हमें संपदा,वैभव दिया। स्वास्थ्य, प्रसन्नता के साथ-साथ जीने के संसाधन दिए। क्योंकि प्रकृति ही है जो हमें सबसे पहले समानता का, देने का भाव सिखाती है।
7. और प्रेम के नाम – जो लोग आपसे प्रेम करते हैं और जिनके लिए आपका प्रेम उमड़ता है।
क्योंकि प्रेम ही संसार का सर्वोच्च भाव और सबसे बड़ी प्रेरणा है।

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