आपको बता दें कि जीएसटी कर से पहले आम जनता पर 17 टैक्स लगते थे लेकिन अब जनता को केवल एक ही टैक्स भरना पड़ेगा। पहले उत्पादन, बिक्री और सेवा तीनों पर कर लगता था अब सिर्फ आपूर्ति व सेवा पर लगेगा। जीएसटी एक पोर्टल से संचालित होगी, जिसका क्रेडिट से रिफंड तक सब कुछ इंटरनेट के जरिए होगा। जीएसटी तीन तरह का है सेंट्रल स्टेट और इंटीग्रेट टैक्स से आने वाले राजस्व का हिसाब किताब रखने के लिए वर्गीकरण किया गया है। राज्य के भीतर कारोबार से मिलने वाले टैक्स पर केंद्र व राज्य का आधा आधा हिस्सा होगा, जबकि किसी अन्य राज्य से कारोबार पर इंटीग्रेटेड जीएसटी के फार्मूले से निपटारा करते हुए केंद्र व उपभोक्ता राज्य के बीच टैक्स की रकम को बराबर बांटा जाएगा। इस तरह के कर से आम जनता से लेकर व्यापारी वर्ग को भी काफी राहत मिलेगी।
जीएसटी की दो दिन की बैठक के पहले दिन 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण कर लिया है। प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में चार स्तरीय दरें रखी गई हैं, जिनमें रोज के इस्तेमाल की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की न्यूनतम रखी गई है।