कंफ़्यूजन हुई दूर, सरकार ने साफ़ किया ‘होटल में सर्विस चार्ज देना आपकी मर्जी’

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प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार यह साफ कर दिया है कि होटल्स और रेस्ट्रॉन्ट्स यह तय नहीं कर सकते कि ग्राहकों से कितना सर्विस चार्ज वसूला जाए। यह ग्राहकों पर निर्भर करता है कि वे सर्विस चार्ज देना चाहते हैं या नहीं। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इस संबंध में सभी राज्यों को जरूरी कार्रवाई के लिए गाइडलाइंस भेजी जा रही हैं। इस बारे में विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर (PMO) से भी राय मांगी थी।

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सरकार की ओर से यह कदम होटलों और रेस्ट्रॉन्ट्स द्वारा 5-20 प्रतिशत तक सर्विस चार्ज वसूलने की शिकायतों के मद्देनजर उठाया जा रहा है। शिकायतों में कहा गया था कि ग्राहकों को यह चार्ज देने के लिए बाध्य किया जा रहा है, भले ही उन्हें सर्विस कैसी भी दी गई हो।
सरकार ने पिछले सप्ताह ही बताया था कि वह इस संबंध में सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी करेगी ताकि ग्राहकों का आर्थिक शोषण रोका जा सके। इस संबंध में होटल असोसिएशन ऑफ इंडिया से भी सफाई मांगी गई थी। असोसिएशन ने अपने जवाब में कहा कि सर्विज चार्ज पूरी तरह स्वैच्छिक है और अगर कोई ग्राहक सेवाओं से संतुष्ट नहीं है तो सर्विज चार्ज देने की कोई बाध्यता नहीं है।

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