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आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों में जकड़ लिया गया था, उसके बाद से NDTV पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है। इसके मद्देनजर NDTV इस मामले में सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
उधर वरिष्ठ पत्रकारों और समाचार संस्थानों ने NDTV India पर सरकार की ओर से लगाए गए एक दिन के बैन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसकी तुलना इमरजेंसी की स्थिति से की है जब मूलभूत अधिकारों को खत्म कर दिया गया था और प्रेस की आजादी का दमन किया जा रहा था.
नायडू ने इस फैसले पर होने वाली आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘पठानकोट हमले के दौरान लाइव कवरेज में नियमों के उल्लंघन को लेकर एनडीटीवी इंडिया के खिलाफ प्रस्तावित कार्यवाही की जो आलोचना हो रही है, वे पूरी तरह आधी अधूरी सूचना और राजनीति से प्रेरित है.
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