नोटबंदी के बाद सरकार कैशलेस इकॉनोमी को बढावा देने में जुटी हुई है। कैशलेस भुगतान को बढावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में फैसला किया है कि अब कैश में सैलरी नहीं मिलेगी। अब सैलरी को चेक या अकाउंट में जमा करने का प्रस्ताव पारित किया है। सरकार के इस कदम को डिजिटल इंडिया की तरफ उठाया गया एक कदम माना जा रहा है। फिलहाल इस फैसले पर राष्ट्रपति प्रणब मुर्खजी के साइन होना बाकी है।
इसके साथ ही, अब कंपनियों को अपने कर्मचारियों को चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से वेतन देने होगा। इस फैसले के बाद उन लोगों की परेशानी बढ़ सकती है जो मजदूरी करते हैं और रिहाड़ी पर उन्हें सैलरी मिलती है। अब छोटे संस्थानों में काम कर रहे मजदूरों को भी ई-पेमेंट या चेक से ही वेतन मिलेगा।
समाचार एजेंसी (एएआई) ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शत्रु संपत्ति अधिनियम को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है।
Govt approves ordinances on enemy property bill and payment of wages act: Sources
— ANI (@ANI_news) December 21, 2016