डिजिटल इंडिया के सपने को लेकर पीएम मोदी लगातार सभी लोगों से डिजिटल करंसी को बढ़ावा देने की अपील कर रहे हैं। जिसके बाद से ही सभी राज्यों में सबसे पहले कैशलेस बनने की होड़ लगी है। वहीं डिजिटल इंडिया की राह में राजस्थान के किशनगढ़ के पास स्थित नयागांव को कागजों में कैशलेस घोषित किया जा चुका है। लेकिन वहां के हालात कुछ और ही हैं। नया गांव अजमेर के पास पड़ता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, कागजों में कहा गया है कि इस गांव में पांच पीओएस मशीन लगाई गई हैं और सभी स्मार्ट फोन्स में बैंकों के ऐप डाल दिए गए हैं।
लगभग दो हफ्ते पहले इस गांव को डिजिटल घोषित किया जा चुका है। लेकिन गांव की जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कहती है। अगर हम बात करे इस गांव की असल स्थिती की तो वो यह है कि गांव में इंटरनेट की कनेक्टिविटी ही नहीं है। इसके अलावा गांव को मिली PoS मशीनें भी काम नहीं कर रही हैं। अब भी गांव के लोगों को पैसे निकालने के लिए तीन किलोमीटर दूर हरमारा शहर जाना पड़ता है। वहीं गांव में हर जगह कैशलेस हो जाने के बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुए हैं। सब पोस्टर पर लिखा है कि वहां के लोग कैशलेस हो गए हैं। इस गांव में लगभग 250 घर हैं जिनमें लगभग 1600 लोग रहते हैं। ज्यादातर लोग खेती करते हैं। किसानों को भी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जितने पैसों की जरूरत होती है उतने निकालने के लिए तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
गांववालों से पूछने पर उन्होंने कहा कि बैंक वालों ने 17 दिसंबर को वादा किया था कि जल्द ही उनके गांव में एटीएम लग जाएगा, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हुआ है। गांववालों के पास एटीएम, रूपे कार्ड तो हैं लेकिन उनका कोई इस्तेमाल नहीं है।