देश के अब तक के सबसे बड़े टैक्स सुधार जीएसटी का संसद के सेंट्रल हॉल में 30 जुलाई की आधाी रात को रेड कार्पेट वेलकम करने की तैयारी की जा रही है। यह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था उपभोक्ताओं, कारोबारियों, कंपनियों और केंद्र एवं राज्य सरकारों की टैक्स कलेक्शन एजेंसियों पर बड़ा असर डालेंगी। हालांकि केंद्र सरकार के इस बड़े सुधार का सही आकलन इसे लागू किए जाने के करीब एक साल बाद ही किया जा सकेगा। कई मामलों में जीएसटी आपकी जेब पर बड़ा असर डालेगा तो कुछ जगहों पर राहत भी देगा। हालांकि सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन की बात करें तो इस पर अभी वेट ऐंड वॉच की जरूरत है। जानें, जीएसटी से किस पर होगा क्या असर…
ये चीजें हो जाएंगी महंगी
– बैंकिंग और टेलिकॉम जैसी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा फ्लैट्स, रेडिमेट गारमेंट्स, मंथली मोबाइल बिल और ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बढ़ जाएगा।
-1 जुलाई से जब आप एसी रेस्तरां में जाएं तो 18 पर्सेंट टैक्स के लिए तैयार रहें। हां, यदि आप गैर-एसी रेस्तरां में जाते हैं तो 6 पर्सेंट की बचत करते हुए सिर्फ 12 पर्सेंट ही चुकाना होगा।
-मोबाइल बिल, ट्यूशन फीस और सलून पर भी आपको 18 पर्सेंट टैक्स देना होगा। अब तक इन पर 15 फीसदी टैक्स ही रहा है।
-1,000 रुपये से अधिक की कीमत के कपड़ों की खरीद पर भी अब आपको 12 पर्सेंट टैक्स देना होगा। अब तक इस पर 6 फीसदी स्टेट वैट ही लगता था। ध्यान दें कि 1,000 से कम के परिधानों पर 5 पर्सेंट की दर से ही टैक्स लगेगा।
-जीएसटी की व्यवस्था में दुकान या फ्लैट खरीदने पर 12 फीसदी टैक्स देना होगा। फिलहाल यह करीब 6 पर्सेंट है।
GST से ये चीजें हो जाएंगी सस्ती
-81 पर्सेंट आइटम्स 18 फीसदी टैक्स रेट से कम के स्लैब में होंगे। खासतौर पर वेइंग मशीनरी, स्टैटिक कन्वर्टर्स, इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मर्स, वाइंडिंग वायर्स, ट्रांसफॉर्मस इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले टू-वे रेडियो सस्ते हो जाएंगे।
-पोस्टेज और रेवेन्यू स्टांप्स भी सस्ते हो जाएंगे। इन पर 5 पर्सेंट ही टैक्स लगेगा।
-कटलरी, केचअप, सॉसेज और अचार आदि भी सस्ते होंगे। इन्हें 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा जाएगा।
-सॉल्ट, चिल्ड्रंस पिक्चर, ड्रॉइंग और कलर बुक्स को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। प्लेइंग कार्ड्स, चेस बोर्ड, कैरम बोर्ड और अन्य बोर्ड गेम्स को घटाकर 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है।
कारोबारियों पर होगा क्या असर?
-20 लाख रुपये से कम के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी की व्यवस्था से छूट दी गई है। अब तक यह छूट 10 लाख तक ही सीमित थी।
-75 लाख रुपये से अधिक के सालाना टर्नओवर वाले ट्रेडर्स, मैन्युफैक्चरर्स और रेस्तरां कंपोजिशन स्कीम के तहत क्रमश: 1, 2 और 5 पर्सेंट अदा कर सकते हैं। हालांकि इन बिजनस को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल सकेगा।
-अन्य कारोबारियों को हर महीने तीन रिटर्न भरने होंगे। इनमें से दो ऑटोमेटिक होंगे।
-1 जुलाई के बाद आने वाले किसी भी माल पर जीएसटी लगेगा। हालांकि 30 जून से पहले आने वाले स्टॉक की बिक्री पर कारोबारियों को कॉम्पेन्सेशन भी मिलेगा।
हालांकि पेट्रोलियम और तंबाकू उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी जारी रहेगी। सभी इंपोर्टर्स और एक्सपोर्ट्स के लिए एंटी, शिपिंग और कोरियर फॉर्म्स पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर देना होगा। इसके अलावा ट्रांजैक्शन के दौरान जीएसटी-नेटवर्क की ओर से मिली प्रविजनल आईडी को भी घोषित करना होगा।
GST से कितना रेवेन्यू कलेक्ट कर पाएगी सरकार?
मौजूदा वित्त वर्ष के बकाया 9 महीनों में रेवेन्यू ग्रोथ 8 पर्सेंट तक कम हो सकती है। 2016-17 में यह 22 पर्सेंट के करीब थी। हालांकि सरकार की ओर से अगले वित्त वर्ष को लेकर सरकार की ओर से पूरे साल का कोई अनुमान नहीं जताया गया है। 2016-17 में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8.63 लाख करोड़ रुपये था। जीएसटी के चलते राज्यों के टैक्स कलेक्शन में आने वाली कमी को केंद्र सरकार अगले 5 सालों तक पूरा करेगी। केंद्र सरकार 2014-15 को बेस इयर मानते हुए और 14 पर्सेंट अनुमानित इजाफे के अनुसार यह कॉम्पेन्सेशन राज्यों को देगी।