अगर 1 जुलाई, 2017 से माल और सेवा कर (जीएसटी) लागू होता है तो केवल एक राज्य में परिचालन के साथ एक लघु-स्तरीय विनिर्माण कंपनी को कम से कम 37 रिटर्न फाइल करनी होगी। बता दें कि मौजूदा समय में 13 रिटर्न फाइल करनी पड़ती है।
जीएसटी के लिए एक महीने से भी कम की समय सीमा है और ऐसा लगता है कि वित्त पेशेवर, बैंक और उद्योग ‘एक राष्ट्र-एक टैक्स’ लागू करने की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं। देश में ‘एक राष्ट्र—एक टैक्स’ लागू करने का विचार 13 वर्ष पहले शुरु किया गया था।
237 बैंकों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था द इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने एक संसदीय पैनल को सूचित किया है कि उनके सदस्य नए अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को लागू करने के लिए अभी तैयार नहीं हैं।
5 जून, 2017 को छपे इकोनॉमिक टाइम्स की इस रिपोर्ट के अनुसार, “अब सब कुछ ऑनलाइन होगा और उन्हें नियमित रूप से अपडेट करने की आवश्यकता होगी। एक व्यवसाय को प्रति राज्य, सालाना 37 रिटर्न फाइल करना होगा यानी प्रति माह तीन रिटर्न और एक वार्षिक रिटर्न। अगर कोई कंपनी एक से अधिक राज्यों में अपने कार्यालयों से व्यवसाय करता है, तो रिटर्न की संख्या उसी अनुसार बढ़ेगी। यदि किसी व्यवसायिक कंपनी का तीन राज्यों में कार्यालय है तो उसे प्रति वर्ष 111 रिटर्न फाइल करना होगा। ”
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