अगर गिरफ्तार ना होते ये दो भाई तो गुजरात बन जाता ISIS का अड्डा और हो जाता ‘लोन वुल्फ’ अटैक

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पुलिस की मानें तो वसीम और नईम पश्चिमी देशों में हुए कई हमलों की तर्ज पर यहां भी ‘लोन वुल्फ’ हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे। ‘लोन वुल्फ’ हमलों में अक्सर कोई बड़ा रैकेट नहीं होता। आतंकी इसे अपने स्तर पर ही अंजाम देते हैं। लिहाजा इन्हें रोकना ज्यादा कठिन होता है। माना जा रहा है कि दोनों संदिग्ध अगले कुछ दिनों में बम धमाके भी करने वाले थे।

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क्या होता है ‘लोन वुल्फ’ अटैक

‘लोन वुल्फ’ अटैक का मतलब ऐसा घातक हमला जिसे बिना टीम के अंजाम दिया जाता है। इस हमले के मॉड्यूल में अकेला आतंकी ही ऐसे हमले को अंजाम दे सकता है, जिसमें वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी जद में ले सके। दरअसल ‘लोन वुल्फ’ अटैक भेड़िए की तरह अकेले हमला करने की रणनीति है। इस अटैक में छोटे हथियारों, चाकुओं, ग्रेनेड का इस्‍तेमाल किया जाता है। ये ग्रुप लीडर से जुड़े बिना हमला करते हैं।

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आपको बता दें कि अब तक ISIS भारत में पांव जमाने में कामयाब नहीं हुआ है। हालांकि केरल और मुंबई से कुछ लोगों के देश छोड़कर सीरिया और इराक़ जाने और ISIS के लिए लड़ने की ख़बरें ज़रुर आईं थी। लेकिन भारत में ISIS विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने में नाकाम रहा है।

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इससे पहले  14 फरवरी को एनआईए ने दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से मोईनुद्दीन पराकाडवथ नाम के एक शख़्स को गिरफ़्तार किया था। ये शख़्स केरल का रहने वाला था और अबु धाबी में रहकर केरल में ISIS का मॉडयूल बनाने की कोशिश कर रहा था। ये शख़्स जैसे ही अबु धाबी से दिल्ली पहुंचा NIA ने इसे गिरफ़्तार कर लिया।

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