नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को वरिष्ठि कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी और जयराम रमेश के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस लाने की चेतावनी दी। हरसिमरत ने कांग्रेसी नेताओं पर उनसे दुर्व्येवहार करने का आरोप लगाया। उन्हों ने आरोप लगाया कि दोनों कांग्रेस नेताओं ने राज्य सभा में देश की सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दे को उठाने नहीं दिया। संसद के बाहर पत्रकारों से हरसिमरत ने कहा, ”मेरे बोलने पर उन्हों ने जिस तरह की अशिष्टसता दिखाई उससे मैं चकित हूं। उन्होंरने मुझसे कहा कि मैं सदन में कैसे आ सकती हूं जबकि मैं यहां सदस्य नहीं हूं। उन्होंनने मुझ पर कार्यवाही को बाधित करने का आरोप भी लगाया।”
हरसिमरत भटिंडा से लोकसभा सांसद हैं और केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्केरण मंत्री हैं। हालांकि नियमानुसार मंत्री संसद के किसी भी सदन में बोल सकता है। शुक्रवार को आप सांसद भगवंत मान के वीडियो को लेकर हंगामा हुआ। हरसिमरत कौर ने भगवंत मान के मुद्दे पर जब राज्यन सभा में बोलना चाहा तो कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताई। उन्हों ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल पेश करते समय वे दखल दे रही हैं। हरसिमरत ने कहा कि वह जनता को बताना चाहती हैं कि मान ने किस तरह से सुरक्षा से खिलवाड़ किया। लेकिन कांग्रेस सदस्यों ने इसका विरोध किया।
हरसिमरत ने कहा, ”वे पांच मिनट तक एक बिल रोक नहीं सकते थे। उनके लिए जवानों की सुरक्षा और हमारी सुरक्षा इतनी छोटी सी बात है कि वे पांच मिनट सुनने को तैयार नहीं हुए। सदन के स्थ गित होने के बाद चौधरी ने उनसे कहा कि ऐसा कचरा कहां से आता है। मैं जहां खड़ी थी वहां आकर मुझसे झगड़ा किया। कांग्रेस की मानसिकता कहां तक पहुंच गई है। मैं उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ता व लाऊंगी। एक मंत्री से व्यचवहार करने का यह तरीका नही है। उनके लिए हमारे जवानों और लोगों की कोई कीमत नहीं। वीडियो क्लिप गलत हाथों में जा सकती है।”
रेणुका चौधरी ने हरसिमरत कौर के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वे ड्रामा कर रही हैं। ‘मैंने सदन की आधिकारिक कार्यवाही के दौरान उनसे बात नहीं की। मुझे लगता है यह उनका ध्याधन खींचने का तरीका है।” उनकी पार्टी की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरसिमरत सरकार की उस रणनीति का हिस्साह थी जिसके जरिए आंध्र प्रदेश पर प्राइवेट मेंबर बिल पर बहस न हो पाए। कांग्रेस की प्रेसवार्ता में कपिल सिब्बंल ने कहा कि आज एक मंत्री ने सदन की कार्यवाही को नहीं चलने दिया।