धार्मिक अल्पसंख्यकों के आराधना स्थलों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार बड़ा और एतिहासिक कदम उठाने जा रही है। सरकार ने इस काम के लिए 40 करोड़ के प्रोजक्ट का खाका तैयार किया है। इस बजट से सरकार अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी लगाएगी। यहां के मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों में से कुछ सैकड़ों साल पुराने हैं और पहले आगजनी जैसे हमलों का सामना कर चुके हैं।
मीडिया ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। ‘डॉन’ मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना में खास तौर पर निगरानी कैमरों की खरीद में निवेश किया जाएगा, जो पूरे सिंध में पूजा स्थलों पर लगाए जाएंगे।
सिंध के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक खाटूमल जीवन ने कहा, ‘इस परियोजना से पूजा स्थलों के सुरक्षा स्तर में बढ़ोतरी होगी।’ डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस परियोजना में आधुनिक निगरानी और नियंत्रण प्रणाली स्थापित करना शामिल है। इसमें हर पूजा स्थल और आसपास के रणनीतिक स्थानों पर कई वीडियो कैमरे लगाए जाएंगे।
अधिकारियों ने कहा कि यह परियोजना लरकाना, हैदराबाद और दूसरे स्थानों पर हिदू मंदिरों पर हमले के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के निर्देश पर बनाई गई है। सिंध पुलिस ने हिंदुओं, सिखों और इसाईयों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों से जुड़े 1,253 स्थलों के दस्तावेज बनाए हैं। इसमें 703 हिंदू मंदिर और 523 चर्च हैं। इसके अलावा 6 गुरुद्वारे और 21 ऐसे स्थान हैं, जो अहमदी समुदाय से जुड़े हैं। इन स्थलों पर कुल 2,310 पुलिस कर्मी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं।