अमेरिका ने हाल ही में हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ सैयद सलाउद्दीन को अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषेत किया था। सलाउद्दीन ने यह स्वीकार किया है कि उसने भारत में आतंकवादी हमले करवाए थे। उसने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सलाउद्दीन ने कहा कि उसके आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। सलाउद्दीन के इस ‘कबूलनामे’ से भारत का यह दावा फिर पुख्ता हुआ है कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए किया जा रहा है।
जिओ टीवी को दिए इंटरव्यू में सलाउद्दीन ने कहा, ‘अभी हमारा फोकस कब्जा करने वाले भारत के सुरक्षाबलों पर हैं। अभी तक हमने जितने भी ऑपरेशन अंजाम दिए हैं या देने वाले हैं, उनमें हमारा पूरा फोकस सुरक्षाबलों पर रहा है।’ कश्मीर को अपना ‘घर’ बताते हुए उसने कहा कि घाटी में बुरहान वानी की मौत के बाद विद्रोह हो रहा है। यह दावा करते हुए कि भारत में उसके कई समर्थक हैं, हिजबुल चीफ ने स्वीकार किया कि वह अंतरराष्ट्रीय बाजार हथियार खरीदता है। उसने कहा कि अगर पैसे दिए जाएं तो वह कहीं भी हथियारों की सप्लाई करवा सकता है। सलाउद्दीन ने शेखी बघारते हुए यह भी कहा कि वह भारत में किसी भी जगह को अपना टारगेट बना सकता है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले अमेरिका ने सैयद सलाउद्दीन का नाम अतंरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम को पाकिस्तान के मुंह पर तमाचे की तरह बताया था। उधर अमेरिका के इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान के इसे ‘पूरी तरह नाइंसाफी’ करार दिया था।
बता दें कि पिछले साल सितंबर में सलाउद्दीन ने कहा था कि वह कश्मीर समस्या के किसी भी शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश को रोक देगा। उसने कश्मीर में फिदायीन हमलावरों की ट्रेनिंग देने की धमकी भी दी थी। उसने यह भी कहा था कि वह कश्मीर घाटी को भारतीय सुरक्षा बलों का कब्रगाह बना देगा।
71 साल का हो चुका सलाउद्दीन फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहता है। हिजबुल के अलावा वह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल भी चलाता है। पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी इसी यूनाइडेट जिहाद काउंसिल ने ली थी। इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक, सलाउद्दीन पाकिस्तान में अपने सुरक्षित ठिकाने से जम्मू-कश्मीर आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित करता है।