जम्मू-कश्मीर मे पुलिस पर 14 घंटे में 3 आतंकी हमले, जवाबी कार्रवाई में हिजबुल के 2 आतंकी ढेर

0
जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने 14 घंटे के अंदर पुलिस पर तीन हमले किए। शनिवार रात से रविवार दोपहर तक हुए हमलों में पुलिस को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा। इनमें दो हमले शनिवार रात हुए जबकि तीसरा और बड़ा हमला रविवार दोपहर पुलवामा के पदगामपोरा में हुआ।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को हुई एक मुठभेड़ में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर घात लगाकर हमले की कोशिश के दौरान दो आतंकवादी ढेर हो गए वहीं उनका एक साथी भागने में कामयाब हो गया।

इसे भी पढ़िए :  अनिल विज के बयान पर राहुल गांधी ने साधा निशाना, कहा- 'हिटलर और मुसोलिनी भी बहुत दमदार ब्रांड थे'

घटना पडगामपुरा की है जहां पुलवामा और अवंतीपुरा के पुलिस अधीक्षकों रईस अहमद और जाहिद मलिक का काफिला जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंदन कोहली के काफिले के साथ जा रहा था।

अधिकारियों ने कहा कि एक कार में जा रहे उग्रवादी कोहली की कार के पीछे से आये और अवंतीपुरा तथा पुलवामा की सीमा पर वाहन पर गोलीबारी शुरू कर दी। अधिकारियों के मुताबिक सभी पुलिसकर्मियों ने फौरन जवाबी गोली चलाईं जिसमें दोनों दहशतगर्द मारे गये।

इसे भी पढ़िए :  BREAKING NEWS: जम्मू-कश्मीर में स्कूली छात्रों ने किया सेना के जवानों पर पत्थरों से हमला

घटना के वक्त एसपी पुलवामा, एएसपी पुलवामा और अवंतीपुरा के एसपी मीटिंग के लिए जा रहे थे जब तीन आतकियों ने उनकी कार पर हमला कर दिया। पुलिस ने दो आतंकियों को मार गिराया।  प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों से 1 एसएलआर और AK 47 बरामद हुई है।

इसके अलावा आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में पुलिस बलों पर दो हमले को अंजाम दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी संसदीय उपचुनाव के लिए दौरे के पहले राज्य में हाई अलर्ट किया गया है। पहली घटना बड़गाम जिले में हुई। आतंकियों ने एक पुलिस उप निरीक्षक के आवास में घुस कर तोड़-फोड़ की और एक कार में आग लगा दी। आतंकी उसके पुत्र और भतीजे को बंधक बना कर ले गए। हालांकि आतंकवादियों ने बाद में दोनों को छोड़ दिया। तीन हफ्ते पहले ही आतंकी दक्षिण कश्मीर के शोपियां में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के घर में घुस गए थे और तोड़फोड़ की थी।

इसे भी पढ़िए :  सरकार करती रही बॉर्डर पर शांति के दावे, लेकिन इस साल शहीद हुए 87 जवान