पढ़िये 41 साल में कितना बदला आपका इंडिया, आंकडों में जानें हकीकत

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प्रभाव

पिछले 41 वर्षों में भारत ने अपने शिशु मृत्यु दर (आईएमआर, प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर मृत्यु) में 68 फीसदी की गिरावट की है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, यह आंकड़े 1975 में 130 से गिरकर 2015-16 में 41 हुआ है।

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फिर भी, भारत के प्रति 1,000 जीवित जन्मों में 41 मृत्यु का आईएमआर गरीब पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश (31),नेपाल (29) और अफ्रीका के रवांडा (31) से भी बदतर है। यहां तक कि पांच वर्ष की आयु के भीतर, प्रति जीवित जन्मों पर 50 मौतों की मृत्यु दर भी चिंताजनक है। यह दर नेपाल में 36, बांग्लादेश में 38 और भूटान में 33 है, और इन सब छोटे देशों से हम पिछड़े हुए हैं। इस बारे में इंडियास्पेंड ने मार्च 2017 की रिपोर्ट में बताया है।

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इसके अलावा, पांच वर्ष की आयु के भीतर भारत में स्टंड ( आयु के अनुसार कम कद ) बच्चों की संख्या करीब 4 करोड़ है। यह संख्या दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। हालांकि, वर्ष 2005-06 और वर्ष 2014-15 के बीच बाल स्वास्थ्य पर खर्च में 200 फीसदी की वृद्धि हुई है।

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