पढ़िये 41 साल में कितना बदला आपका इंडिया, आंकडों में जानें हकीकत

0
3 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse

धन का आवंटन

वर्ष 2017-18 में यूनियन बजट में आईसीडीएस आवंटन में 4.7 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2016-17 में 14,560 करोड़ रुपए से बढ़ कर 2017-18 में 15,245 रुपए हुआ है। लेकिन इसमें वर्ष 2015-16 के दौरान आवंटन में कटौती थी।

आईसीडीएस के लिए बजट आवंटन

Source: Ministry of Women and Child Development, Union Budget 2017-18

 

‘सेंटर फॉर गर्वनेंस एंड बजट एकाउंटब्लिटी’ द्वारा किए गए बजट विश्लेषण के अनुसार, “… भारत में कुपोषण की गंभीरता को देखते हुए, संघ और राज्य स्तर पर अधिक आवंटन की आवश्यकता है। इसके अलावा, अतिभारित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के काम का बोझ कम करने और कार्यक्रम के तहत विभिन्न सेवाओं के समर्थन में उनकी क्षमता में सुधार के लिए एक बेहतर बजट की जरूरत है।”

इसे भी पढ़िए :  मीडियाकर्मियों ने आम आदमी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का किया बहिष्कार

सेवाओं का एकीकरण

आईसीडीएस का उद्देश्य छह से कम उम्र के बच्चों का समग्र विकास तो है ही। साथ में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण और स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना भी है।

इसे भी पढ़िए :  ‘नोटबंदी के बाद सिर्फ PM आराम से रहे हैं, गरीब आदमी और किसान नहीं’  

आईसीडीएस के अंतर्गत आने वाली छह सेवाएं हैं: पूरक पोषण, प्रतिरक्षण, रेफरल सेवाएं, स्वास्थ्य जांच, विद्यालय पूर्व गैर-औपचारिक शिक्षा और स्वास्थ्य और पोषण की सीख।

इसे भी पढ़िए :  पाक सेना ने क्वेटा हमले के लिए भारत और अफगानिस्तान को ठहराया जिम्मेदार

इनमें से तीन ( टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं ) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से संचालित होता है। बाकी सेवाओं का अभिभावक महिला और बाल विकास मंत्रालय है। समग्र रूप से प्रभाव में सुधार के लिए सेवाओं को एक साथ एकीकृत करने की जरूरत है।

3 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse