मानव संसाधन मंत्रालय ने देश भर के लेक्चरर, प्रोफेसर से मांगी जाति-धर्म की जानकारी, पढ़ें- क्यों?

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सन 2010-11 से सरकार हर साल वार्षिक उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) करती आ रही है। लेकिन यह पहली बार है जब शिक्षकों की व्यक्तिगत जानकारी भी मांगी गई है। पिछले साल तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपने स्टाफ का सामान्य व संख्यात्मक डेटा देना होता था, जैसे- पद, सेक्शन, लिंग, कैटेगरी (जनरल/एससी/एसटी/ओबीसी), धर्म (मुस्लिम/अन्य अल्पसंख्यक) और विकलांगता आदि। लेकिन साल 2016-2017 के लिए वर्तमान डेटा कलेक्शन फॉर्मेट के साथ नया टीचर इंफोर्मेशन फॉर्मेट भी जोड़ दिया गया है। इस डेटा को Gurujan नाम के एक टीचर पोर्टल (gurujan.gov.in) पर डाला जाएगा।

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Source: Jansatta

जाति, धर्म की जानकारी से शिक्षकों की निजता भंग होने के सवाल पर सुब्रमण्यम ने कहा, “शुरुआत में इस पोर्टल को पब्लिक के लिए शुरू नहीं किया जाएगा। हम किसी भी निजी जानकारी को सामने नहीं आने देंगे। सारा डेटा सुरक्षित होगा। लेकिन मुझे नहीं लगता किसी का आधार नंबर पता लगने से दिक्कत होगी।”

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