नई दिल्ली : कश्मीर घाटी में एक महीने से अधिक समय से भड़की हिंसा से निपटने में मानवीय पहलू की अनदेखी पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस तरह के विवादों के निपटारे के लिए मानवीय पहलू काफी जरूरी है, जो नहीं दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुरक्षाबलों और स्थानीय आबादी के बीच एक बैलेंस बनाए जाने की जरूरत है। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के प्रति केंद्र के ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ वाले जज्बात की बात की थी। 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंट के बाद से ही कश्मीर में हालात कठिन बने हुए हैं। सुरक्षाबलों और स्थानीय आबादी के बीच टकराव में करीब 55 जानें जा चुकी हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं।
जस्टिस पीसी घोष और अमितावा रॉय की बेंच ने कश्मीर मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि (कश्मीर) समस्या के समाधान के लिए मानवीय दृष्टिकोण जरूरी है। बेंच ने कहा कि कश्मीर मामले को हैंडल करने में मानवीय दृष्टिकोण नहीं दिख रहा है। बेंच ने कहा कि लोगों के साथ प्यार और स्नेह का बर्ताव होना चाहिए, जो कि नहीं दिख रहा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए मानवीय पहलुओं के साथ सामने आए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जम्मू-कश्मीर सरकार जुडिशल मैजिस्ट्रेट के पुलिस के खिलाफ आदेश पर रोक लगाने की मांग की याचिका पर ये टिप्पणी की है। राज्य सरकार ने इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी जिसमें प्रदर्शन करने वाले एक युवक की मौत के बाद पुलिसवालों पर FIR करने की बात थी। साथ ही सूबे की सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज करने का आदेश था।
स्थानीय अदालत ने युवक की मौत के बाद श्रीनगर SSP को डीएसपी यासिर कादरी समेत अन्य के खिलाफ केस FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। एसएसपी और पुलिस महानिरीक्षक की तरफ से आदेश का पालन नहीं होने पर स्थानीय अदालत ने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार तक इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल किसी पुलिसवाले की गिरफ्तारी नहीं होगी। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पुलिस के ऊपर युवक की हत्या के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि युवक को गोली तब लगी जब सुरक्षाबलों ने हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोली चलाई। उन्होंने कहा कि इस तरह का ऐक्शन लेने पर एक पुलिस अफसर के ऊपर मामला नहीं चलाया जा सकता।