मानहानि के मुकदमे दायर करने पर जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार

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जयललिता
फाइल फोटो

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जे. जयललिता को कड़ी फटकार लगाई है। दरअसल जयलिता ने अपनी आलोचना करने वाले लोगों के खिलाफ मानहानि के कई मुकदमे दायर किए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता से कहा है कि वह एक सार्वजनिक हस्‍ती हैं और उन्‍हें आलोचना झेलनी ही होगी।

अदालत ने कहा, ”आप लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए मानहानि के मुकदमे का इस्‍तेमाल नहीं कर सकतीं। अदालत ने मानहानि के कानून के बेजा इस्‍तेमाल पर दायर याचिका पर जयललिता को नोटिस भी दिया है। जजों ने कहा कि ”तमिलनाडु इकलौता ऐसा राज्‍य है तो स्‍टेट मशीनरी का बेजा इस्‍तेमाल मान‍हानि के मुकदमे लड़ने के लिए करता है।” राज्‍य सरकार ने शीर्षस्‍थ अदालत को बताया था कि पिछले पांच सालों में उसके द्वारा 200 से भी ज्‍यादा मान‍हानि के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से 55 मीडिया के खिलाफ, जबकि 85 जयललिता के प्रमुख प्रतिद्वंदी डीएमके के खिलाफ हैं।

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अदालत अभिनेता-राजनेता विजयकांत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्‍होंने अपने खिलाफ जारी वारंट को खारिज किए जाने की गुहार लगाई थी। ‘कैप्‍टन’ के नाम से मशहूर विजयकांत देसिया मुरोपोक्‍कु द्रविड़ कझगाम के प्रमुख हैं। एक पुलिस शिकायत में उनका नाम इसलिए दर्ज किया गया था क्‍योंकि उन्‍होंने कहा था कि जयललिता एक भ्रष्‍टाचारी सरकर चला रही हैं। विजयकांत पर सरकार की आलोचना करने के लिए 14 मानहानि के मुकदमे चल रहे हैं। इसमें ‘दिसंबर 2015 में चेन्‍नई में आई बाढ़ को कृत्रिम रूप से पैदा किए जाने’ संबंधी टिप्‍पणी भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुख्‍यमंत्री की सेहत पर रिेपोर्टिंग करने भर से ही मानहानि का मुकदमा नहीं ठोंका जा सकता।

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