सूत्रों के मुताबिक, अभी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह अपहरण पाक सेना या आईएसआई के इशारे पर किया गया या तालिबान ने इसे अंजाम देकर सौदे की पेशकश की। सूत्रों ने बताया कि यह सौदेबाजी डॉलर में हुई है।
ईरान की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी (एमओआईएस) की जांच में उजागर हुए इन तथ्यों को भारत के साथ साझा किया गया है। इसी आधार पर पाकिस्तान में ईरान के राजनयिक मोहम्मद रफी ने 10 मई को क्वेटा में यह जानकारी दी कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान से जाधव से पूछताछ की इजाजत मांगी।
लेकिन पाकिस्तान ने इसे तवज्जो नहीं दी। सूत्रों के मुताबिक, ईरान में चुनाव के बाद इस मामले में ठोस कदम उठाए जाएंगे। गौरतलब है कि भारतीय नौसेना से रिटायर होने के बाद जाधव ईरान में व्यापार करता था।
पूर्व कैबिनेट सचिव और अमेरिका में भारत के राजदूत रहे नरेश चंद्रा ने जाधव के अपहरण की बात को सही ठहराया है। चंद्रा ने कहा कि भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अपहरण की थ्योरी को पुख्ता तरीके से रखा है।