ईवीएम हैकिंग का आरोप लगाने वाली पार्टियों को चुनाव आयोग देगा जवाब, साथ करेगा हैकाथन की तारीख का ऐलान

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उपराष्ट्रपति
फाइल फोटो
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हालही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मशीन की प्रमाणिकता को लेकर उठ रहे सवालों को चुनाव आयोग ने खुली चुनौती देने की तैयारी कर ली है। आयोग शनिवार को एक स्पेशल प्रोग्राम के जरिए लोगों को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के काम करने के तरीके का लाइव डेमो देगा। दिल्ली के विज्ञान भवन में दिए जाने वाले दो घंटे के इस लाइव डेमो के साथ ही चुनाव आयोग पत्रकार वार्ता भी करेगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधान सभा के नतीजे आने के बाद से ही कई राजनीतिक दल ईवीएम मशीन पर सवाल खड़े कर रहे हैं वहीं, इसी प्रोग्राम में ईवीएम को हैक किए जाने की चुनौती की तारीखों की घोषणा भी करेगा।

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ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर कई विपक्षी पार्टियां लगातार हमलावर रही हैं। ईवीएम से छेड़छाड़ की उनकी शंकाओं को दूर करने के लिए ये प्रोग्राम रखा जा रहा है। निर्वाचन आयोग की घोषणा के मुताबिक, ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली प्रदर्शित किए जाने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई जाएगी।

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मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बीती 12 मई को इस मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक के बाद ईवीएम में गड़बड़ी किए जा सकने के दावे को सही साबित करने की चुनौती देने की घोषणा की थी। आयोग के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि राजनीतिक दलों को 29 मई के बाद जून के पहले हफ्ते में कभी भी ईवीएम में गड़बड़ी करने की चुनौती दी जा सकती है।

 

अधिकारी ने बताया कि आयोग द्वारा सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिए बुलाया जाएगा। इसके लिए आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केंद्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का ऑप्शन चुनने के लिए एक हफ्ते का समय भी देगा। वहीं, चुनौती स्वीकार करने वाले हर राजनीतिक दल को मशीन में गड़बड़ी करने का अपना दावा सही साबित करने के लिए अलग-अलग मौका दिया जाएगा।

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