चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वीवीपैट वाले ईवीएम से वोटिंग कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के पालन को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी वीवीपैट युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है। दरअसल वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है, जिससे मतदाता को मालूम पड़ता है कि उसने जिस उम्मीदवार के पक्ष में ईवीएम का बटन दबाया, उसका वोट उसी को गया।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) तथा तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान ईवीएम में धांधली पर चिंता जताई थी। AAP ने निर्वाचन आयोग के ईवीएम को हैक कर दिखाने की चुनौती को स्वीकारने का स्वागत किया है, लेकिन ‘हैकाथन’ पर जोर दिया। पार्टी ने कहा कि मौका मिलने पर वह साबित करके दिखा देगा कि मशीनों को हैक किया जा सकता है।