झारखंड में खरसावां के शहीद स्थल पर रविवार को आयोजित शहीद दिवस समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि देने आए मुख्यमंत्री रघुवर दास को आदिवासी समुदाय के लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा। तल्ख विरोध के बीच मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाते हुए वापस जाओ के नारे लगाते रहे। सीएम के श्रद्धांजलि देकर वापस जाने के समय जूते-चप्पल उछाले गए। जबकि शहीद दिवस समारोह में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।
मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिलते ही आदिवासी संगठन के लोग उग्र हो गए और शहीद स्थल पर ही प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री वापस जाओ, रघुवर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। भीड़ ने सीएनटी (छोटानागपुर टिनेंसी)-एसपीटी (संथाल परगना टिनेंसी) एक्ट संशोधन का विरोध करते हुए नारेबाजी की।
शहीद स्मारक पार्क में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में हंगामा व उपद्रव की घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। मामले में सरकार खरसावां के डीसी और एसपी पर कार्रवाई कर सकती है। दोनों अधिकारियों का तबादला किया जा सकता है। मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, गृह सचिव एसकेजी रहाटे, डीजीपी डीके पांडेय व एडीजी अभियान आरके मल्लिक, अनुराग गुप्ता सोमवार को हेलीकॉप्टर से खरसावां गये। अधिकारियों से हर बिंदु पर जांच करने को कहा गया था।
जांच में यह बात सामने आयी है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सुरक्षा की तैयारी करने में सरायकेला पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने लापरवाही बरती। यह तथ्य भी सामने आया है कि विरोध करनेवाले मुख्यमंत्री के नजदीक पहुंच गये थे और सीएम के सुरक्षा घेरे के पीछे-पीछे चल रहे थे। यह सीएम की सुरक्षा में बड़ी प्रशासनिक चूक है।
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