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रचाकोंडा कमिश्नरी ने पिछली साल सबसे ज्यादा मानव तस्करी के मामलों को पकड़ा था। उन्होंने बताया कि दूसरे शहरों से लड़कियों को लाकर यहां कुछ दिनों तक रखा जाता है। फिर हैदराबाद से दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गोवा और चेन्नै जैसे शहरों में इनकी तस्करी की जाती है। दूसरे देशों जैसे सिंगापुर, मलयेशिया और गल्फ में भी यहां से लड़कियां भेजी जा रही हैं।
तेलंगाना में यूनिसेफ स्पेशल असाइनमेंट के डेविड राज ने बताया कि शहर के विकास के साथ-साथ मानव तस्करों भी ज्यादा प्रफेशनल हो गए हैं। उनके मुताबिक शहर में वेश्यालय नहीं हैं इसलिए अपार्टमेंट्स और लॉज से ट्रैफिकिंग चल रही है। महेश भागवत भी इसे स्वीकार कर रहे हैं। उनके मुताबिक पिछले छह महीने में अकेले रचाकोंडा इलाके के ही 25 अपार्टमेंट्स और लॉज को ऐसी गतिविधियों के लिए सील किया गया है।
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