नई दिल्ली। देश में खासकर युवा तबके में बढ़ती बेरोजगारी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। युवाओं के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी ज्यादा नौकरियां पैदा नहीं होने पर चिंता जताते हुए कहा है कि देश रोजगार उपलब्ध कराने में असमर्थ रहता है तो इससे अशांति और हताशा पैदा होगी।
भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई) के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने बुधवार(14 दिसंबर) कहा कि नौकरियों का सृजन देश के लिए महत्वपूर्ण है। देश अगर रोजगार उपलब्ध कराने में असमर्थ रहता है तो इससे अशांति और हताशा पैदा हो सकती है।
मुखर्जी ने कहा कि विश्व में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले भारत को रोजगार की कमी के कारण आने वाले सालों में बड़ी चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। देश की आधी आबादी 25 साल से कम उम्र की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं के पास अगर नौकरी होगी तो वो हमारी सबसे बड़ी ताकत होंगे और अगर उनके पास नौकरी नहीं होगी तो उनके अंदर अशांति और निराशा आएगी। मुखर्जी ने भारतीय युवाओं से कहा कि रोजगार पाने के लिए सिर्फ शैक्षिणक योग्यता का होना ही जरूरी नहीं है, बल्कि आप के अंदर अलग क्या स्किल हैं, यह बात ज्यादा जरूरी है।