उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर निशाने पर हैं। पिछले दिनों लखनऊ स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में एक कार्यकर्ता ने पोस्टर लगाया था, जिसमें प्रशांत के बारे में सूचना देने वालों को पांच लाख रुपए इनाम के रूप में देने की बात लिखी गई थी। हालांकि, पार्टी आलाकमान को इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तुरंत इसे हटवा दिया और प्रशांत का बचाव किया।
उधर मंगलवार को पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को किशोर के समर्थन में ट्वीट किया । उन्होंने लिखा ,’कांग्रेस पार्टी पीके (प्रशांत किशोर) तथा उनकी टीम द्वारा की गई कड़ी मेहनत और योगदान की कद्र करती है, और निहित स्वार्थों के तहत किए जा रहे प्रचार को खारिज करती है। वहीं इससे पहले पंजाब में कांग्रेस की शानदार जीत के लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीके की तारीफ की थी ।
हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को मात्र पंजाब में कामयाबी मिली ।पंजाब में प्रशांत किशोर ने प्रचार की रणनीति बनाई थी। यूपी और उत्तराखंड में भी पीके की टीम ने ही चुनावी स्ट्रैटेजी तैयार की थी लेकिन इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की करारी हार हुई।
आपको याद होगा कि 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाने का श्रेय प्रशांत को मिला था। इसके बाद 2015 में बिहार में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की गद्दी पर पहुंचाने का क्रेडिट भी उन्हें ही मिला। इसके बाद प्रशांत किशोर की सलाह पर ही राहुल गाँधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। हालांकि उनका ये फॉर्मूला कारगर साबित नहीं हुआ और कांग्रेस को कुल 403 में से सिर्फ सात सीटों पर ही जीत मिल पाई.
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