इस्लामाबाद:पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में दिसम्बर 2014 में हुए आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए शुरु किए गए मिलिट्री कोर्ट्स को जारी रखने के पक्ष में पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली ने मतदान किया है। इस हमले में 144 लोग मारे गए जिनमें अधिकांश स्कूली बच्चे थे। सैन्य अदालतों को फिर से शुरू करने से संबंधित 28वें संवैधानिक संशोधन बिल के पक्ष में जहां 255 वोट पड़े, वहीं इसके खिलाफ केवल 4 वोट ही पड़े।इस बिल को पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्री जस्टिस जाहिद हामिद ने मंगलवार को असेंबली में पेश किया।
28वें संवैधानिक संशोधन बिल को अब संसद के सामने पेश किया जाएगा। कानून बनने के लिए जरूरी है कि इसके पक्ष में दो तिहाई वोट पड़ें। अगर यह बिल संसद से पास हो जाता है, तो अगले 2 साल के लिए एक बार फिर सैन्य अदालतें काम करना शुरू कर देंगी। 7 जनवरी 2017 को मिलिट्री कोर्ट्स को अपना कार्यकाल खत्म होने के कारण काम बंद करना पड़ा था। मंगलवार को जब नैशनल असेंबली में यह बिल पेश हुआ, उस समय प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी वहां मौजूद थे।
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