उशाकोव ने कहा कि पुतिन और मोदी क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर संयुक्त बयान भी जारी करेंगे। दोनों देश आपसी संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कदमों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच करीब 18 दस्तावेज पर हस्ताक्षर होंगे।
अगर भारत और रूस के बीच इस रक्षा प्रणाली की खरीद पर मौहर लग जाती है भारत इसे खरीदने वाला दूसरा देश होगा। चीन ने पिछले साल ही इस वायु रक्षा प्रणाली को रूस से 3 अरब डॉलर में खरीदा था।
एस-400 प्रणाली एस-300 का ही अपडेटेड वर्जन है। यह प्रणाली पहले केवल रूसी सेनाओं के पास ही थी। रूस की अल्माज-अंते कंपनी इस रक्षा प्रणाली को बनाती है और यह 2007 से रूसी सेनाओं में शामिल है।
इसके अलावा भारत भारतीय नौसेना के लिए प्रोजेक्ट 11356 फ्रिगेट के सौदे पर भी हस्ताक्षर करने की सोच रहा है। और तो और रूस की भारत में संयुक्त उपक्रम के जरिए कामोव-226टी हेलीकॉप्टर बनाने की भी योजना है।































































