श्रीनगर : सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जुनैद मट्टू समेत 2 आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। दक्षिण कश्मीर के बिजबहेड़ा इलाके के एक गांव में सुरक्षा बलों ने सुबह करीब 8 बजे लश्कर कमांडर मट्टू और उसके साथियों को एक घर में घेर लिया। आखिरकार सेना ने जुनैद मट्टू और उसके एक साथी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मट्टू के सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था।
अधिकारियों ने बताया कि एक घर में 3 आतंकवादियों के मौजूद होने की खुफिया सूचना मिलने के बाद सेना सहित सुरक्षा बलों ने अरवानी गांव के मलिक मोहल्ले में एक घर की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने सुबह 8 बजे घर की घेराबंदी की और दो घंटे तक इंतजार किया लेकिन 10 बजे घर से पहली गोली चली। इस दौरान पत्थरबाजों की भीड़ ने सुरक्षा बलों पर पथराव कर उनके ऑपरेशन में बाधा डालने की भी कोशिश की।
अधिकारियों ने बताया कि 5 व्यक्तियों को पेलेट गन के छर्रे तब लगे जब उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियान में बाधा डालने की कोशिश की। इससे पहले पिछले महीने ही सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार अहमद बट को मार गिराया था। सबजार ने बुरहान वानी की जगह ली थी। वानी को पिछले साल सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में ढेर किया था।
Two terrorists including Lashkar Commander Junaid Mattoo have been eliminated in the Kulgam encounter by Indian Army, SoG and CRPF. pic.twitter.com/ikCblNx3V4
— ANI (@ANI_news) June 16, 2017
कौन था जुनैद मट्टू
दक्षिण कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा का चीफ जुनैद मट्टू कुलगाम के खुद वानी गांव का रहने वाला था। वह 3 जून 2015 को संगठन में भर्ती हुआ था। मट्टू काफी पढ़ा-लिखा था और उसे तकनीक का अच्छा ज्ञान था। मट्टू पहली बार तब खबरों में आया जब पिछले साल जून में आतंकियों के गुट ने अनंतनाग में पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। पिछले साल जून में ही वह BSF की बस पर हुए हमले में भी शामिल था। मट्टू ने जून 2016 में अनंतनाग के एक व्यस्त बस स्टैंड पर दिन दहाड़े 2 पुलिसवालों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस जघन्य अपराध को अंजाम देते हुए वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। सेना ने हाल ही में घाटी में सक्रिय 12 खूंखार आतंकियों की तस्वीरों के साथ लिस्ट जारी की थी। उस लिस्ट में भी मट्टू का नाम था।