पाकिस्तानी नागरिकों ने जांच एजेंसियों को बताया है कि उन्होंने अपना पासपोर्ट नेपाल में ही फेंक दिया और अब उनके पास कोई फर्जी आधार कार्ड के अलावा कोई दूसरा पहचान पत्र भी नहीं है। ये आधार कार्ड भी उन्होंने बेंगलुरु में बनवाए हैं। पुलिस अब इस मामले में आधार कार्ड एजेंट की मिलीभगत होने की भी जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक महिलाओं के लिए आधार कार्ड फर्जी नाम पर भी बनवाए गए हैं।
इतना ही नहीं ये सभी एक किराए के घर में रहते हैं और उसके लिए हर महीने 10 हजार 500 रुपये चुकाते हैं। लेकिन परिवार में सिर्फ काशिफ ही कमाने वाला है। वह एक परफ्यूम के स्टोर पर काम करता है और महीने के 14 हजार रुपये कमाता है।
अभी भी महिलाओं के बयान रिकॉर्ड करना बाकी है क्योंकि समीरा गर्भवती हैं और उन्होंने यह कहा है कि उनकी प्रेग्नेंसी में दिक्कतें हैं। समीरा अपने पिता और भाइयों के साथ कतर में रहती थीं, जो वहां एक डिपार्टमेंटल स्टोर चलाते हैं। शिहाब पास की ही एक दुकान में ड्राइवर के तौर पर काम करता था। समीरा के परिवार को दोनों का रिश्ता मंजूर नहीं था। समीरा को उसके परिवारवाले जबरन पाकिस्तान ले आए जहां से उसने भारत भागने का फैसला किया। पुलिस ने इन लोगों बीते हफ्ते केएस लेआउट से गिरफ्तार किया।.