आईएनएस विक्रमादित्य अकेले ही दुश्मन पर कहर ढा सके। इसके लिए इंडियन नेवी ने राफेल, साब-सी-ग्रिफेन और F-18 जैसे फाइटर जेट बनाने वाली कंपनियों को बुलाया है और कहा है कि वो अपनी उपयोगिता साबित करें और बताएं कि उनके प्लेन्स की तैनाती आईएनएस विक्रमादित्य पर क्यों हो? नेवी ने बाकायदा ट्रायल देने के लिए इन फाइटर जेट्स को बुलाया है, इसके लिए आईएनएस विक्रमादित्य ट्रायल कर्नाटक के करवार में कराया गया। इस मेगा डील के तहत खरीदे जाने वाले 57 नए विमानों को रूस से आयात किए गए 45 मिग 29के समेत INS विक्रमादित्य और कोच्चि के स्वदेशी विमान वाहक पर इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, आईएनएस विक्रमादित्य कीव क्लास का सोवियत रूसी जमाने का विमानवाहक पोत है।