मशहूर इतिहासकार इरफ़ान हबीब, और उनकी अर्थशास्त्री पत्नी सायरा हबीब ने काम्युनिस्ट पार्टी को पत्र लिख कर पार्टी के फ़ैसलों की आलोचना की है। हबीब दम्पति पिछले साठ सालों से काम्युनिस्ट पर्टी के मेम्बर हैं और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर थें।
हबीब का कहना है कि उनकी पार्टी भूल गई है कि वर्तमान सरकार कोई संसदीय सरकार नहीं है, बल्कि ये हिदुत्व को पालने पोषने वालीर एक सेमी-फ़ॉसिस्ट, और पूंजीवादी सोच वाली सरकार है… हबीब दम्पति ने लिखा है काम्युनिस्ट पार्टी की स्ट्रेटजी 2019 के चुनाव में बीजेपी को हराने की होनी चहिए। और अगर अकेले ऐसा करना संभव नहीं है तो दूसरी पार्टियों से भी गठबंधन करना चाहिए।
लेकिन सीपीएम का हिसाब किताब, हबीब की राय से बिल्कुल उल्टा है।ताजा उदाहरण बिहार का है ,जहां पार्टी ने कई पर्टियों से गठबंधन किया, लेकिन नितिश-लालू से गठबंधन करने से इनकार कर दिया।नतीज़ा ? पार्टी को बिहार में एक भी सीट नहीं मिला।