देश में मौजूदा सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद’ ने रद्द किया ‘ईद मिलन’, बोले महमूद मदनी- बच्चों को समझाना पड़ता है कोई फब्ती कसे तो चुप रहो

0
ईद
फाइल फोटो
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

ईद के मौके पर सामाजिक-धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने देश में ‘ईद मिलन’ का कार्यक्रम रद्द करने का फैसला किया है। संगठन ने देश में मौजूदा सांप्रदायिक माहौल को देखते हुए 30 जून को होने वाले इस प्रोग्राम को रद्द करने का फैसला लिया है।

 

 

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए संस्था के महमूद मदनी ने कहा, “हालात अब ऐसे हो गए हैं कि हमें अपने बच्चों को समझाना पड़ रहा है कि अगर बस या किसी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोई कुछ कमेंट करे तो उसका जवाब न दो और उसे सह लो। मुसलमानों के संग गलत बरताव हो रहा है इससे ज्यादा मुझे इस बात की चिंता है कि नौजवानों को कट्टरपंथ से दूर रखने की हमारी कोशिशों को इससे बड़ा झटका लगा है।”
ईद पर आयोजित कार्यक्रम रद्द करने पर मदनी ने कहा, “हमें देश के इंसापसंद और अमनपसंद लोगों की मर्जी का सम्मान करते हुए बड़ी तकलीफ के साथ ये फैसला लेना पड़ा। सिलेसिलेवार मॉब लिंचिंग की घटनाओं से लोग दुखी हैं। हम जताने चाहते हैं कि कानून-व्यवस्था पंगु हो चुकी है और सरकार अल्पसंख्यकों और उत्पीड़ितों की सुरक्षा करने में विफल है।”

इसे भी पढ़िए :  आगामी चुनावों में सबसे ज्यादा हवा में उड़ेंगे बीजेपी नेता

 
महमूद मदनी के अनुसार मौजूदा हालात में ऐसे कार्यक्रम करने का कोई मतलब नहीं है। मदनी ने कहा, “सांप्रदायिक सौहार्द्र घट रहा है ऐसे में ऐसे आयोजनों का ज्यादा मतलब नहीं रह जाता।” पूरे देश में कथित तौर पर बीफ खाने और गाय की तस्करी के आरोप में कई लोगों को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। राजस्थान में गाय की तस्करी के आरोप में मार दिए गए पहलू खान और उत्तर प्रदेश में बीफ खाने के आरोप में मार दिए गए मोहम्मद अखलाक का मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना था।

इसे भी पढ़िए :  अब 'आप' के भारती पर लगा अभद्रता का आरोप

अगली स्लाइड में पढ़ें बाकी की खबर

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse