देश में मौजूदा सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद’ ने रद्द किया ‘ईद मिलन’, बोले महमूद मदनी- बच्चों को समझाना पड़ता है कोई फब्ती कसे तो चुप रहो

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था। इस समूह ने पीएम मोदी के सामने कथित गौरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा और उससे मुसलमानों में पैदा हुई असुरक्षा की भावना का मुद्दा उठाया। ईद मिलन कार्यक्रम रद्द करने पर महमूद मदनी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी भावनाएं समझेगी और समाज के दबे हुए और शोषित तबके की भावनाओं को समझेगी और देश में अमन और चैन का वातावरण कायम करेगी।”मुसलमानों के सामाजिक-धार्मिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने देश में “मौजूदा सांप्रदायिक माहौल” का हवाला देते हुए इस ईद पर आयोजित “ईद मिलन” कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। ये कार्यक्रम 30 जून को होने वाला था।

इसे भी पढ़िए :  यूपीः 2000 हिन्दू दलितों ने डुबोईं देवताओं की तस्वीरें, दी मुस्लिम धर्म अपनाने की धमकी

 

 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक संस्था के महमूद मदनी ने कहा, “हालात अब ऐसे हो गए हैं कि हमें अपने बच्चों को समझाना पड़ रहा है कि अगर बस या किसी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोई कुछ कमेंट करे तो उसका जवाब न दो और उसे सह लो। मुसलमानों के संग गलत बरताव हो रहा है इससे ज्यादा मुझे इस बात की चिंता है कि नौजवानों को कट्टरपंथ से दूर रखने की हमारी कोशिशों को इससे बड़ा झटका लगा है।”
ईद पर आयोजित कार्यक्रम रद्द करने पर मदनी ने कहा, “हमें देश के इंसापसंद और अमनपसंद लोगों की मर्जी का सम्मान करते हुए बड़ी तकलीफ के साथ ये फैसला लेना पड़ा। सिलेसिलेवार मॉब लिंचिंग की घटनाओं से लोग दुखी हैं। हम जताना चाहते हैं कि कानून-व्यवस्था पंगु हो चुकी है और सरकार अल्पसंख्यकों और उत्पीड़ितों की सुरक्षा करने में विफल है।”
महमूद मदनी के अनुसार मौजूदा हालात में ऐसे कार्यक्रम करने का कोई मतलब नहीं है। मदनी ने कहा, “सांप्रदायिक सौहार्द्र घट रहा है ऐसे में ऐसे आयोजनों का ज्यादा मतलब नहीं रह जाता।” पूरे देश में कथित तौर पर बीफ खाने और गाय की तस्करी के आरोप में कई लोगों को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। राजस्थान में गाय की तस्करी के आरोप में मार दिए गए पहलू खान और उत्तर प्रदेश में बीफ खाने के आरोप में मार दिए गए मोहम्मद अखलाक का मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना था।

इसे भी पढ़िए :  यूपी इलेक्शन: राजनाथ का छलका दर्द कहा ‘मुसलमानों को भी टिकट मिलना चाहिए था’

 
हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था। इस समूह ने पीएम मोदी के सामने कथित गौरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा और उससे मुसलमानों में पैदा हुई असुरक्षा की भावना का मुद्दा उठाया। ईद मिलन कार्यक्रम रद्द करने पर महमूद मदनी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी भावनाएं समझेगी और समाज के दबे हुए और शोषित तबके की भावनाओं को समझेगी और देश में अमन और चैन का वातावरण कायम करेगी।”

इसे भी पढ़िए :  इस गांव में हर शख्स करता है दो-दो शादी, कारण जान चौंक जाएंगे आप
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse