जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों पर हर साल 100 करोड़ रुपए भारत सरकार की ओर से खर्च होते हैं। सरकार के पैसों पर ये अलगाववादी फाइव स्टार होटलों में ठहरते हैं।सरकारी गाड़ियों में घूमते हैं। हवाई जहाज़ों में सफर करते हैं। बीमार हो जाएं तो देश-विदेश में इलाज का खर्च भी सरकार उठाती है। करीब 1 हज़ार जवान इनकी सुरक्षा में लगाए गए हैं।अब हर किसी को मालूम पड़ चुका है कि अलगावादी भारत की खाते हैं औऱ भारत में ही जहर बोते हैं। फिर भी अलगाववादी अलगाव पर अड़े हुए हैं।
बहरहाल कश्मीर घाटी में अलगाववादियों ने आज हर मोहल्ला, गांव और इलाके से आजादी मार्च निकालने अपील की है। सरकारी पैसे पर ऐश करने वाले सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और यासीन मलिक के संयुक्त अलगाववादी नेतृत्व ने 16 सितंबर तक विरोध प्रदर्शन का नया कैलेंडर जारी किया है। 13 सितंबर को ईद पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय तक मार्च की तैयारी है।