गौरतलब है कि सिंह ने पूर्व सैनिक की आत्महत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि ग्रेवाल का मामला बैंक के साथ था, OROP से नहीं। मंत्री ने ग्रेवाल को आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने का इशारा करते हुए पूछा था कि ”और, किस तरह उसे सल्फास की टेबलेट्स मिलीं और किसने उसे वह दीं?” वहीं पुलिस कमिश्नर से बीजेपी सांसद बने सत्यपाल सिंह ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली पुलिस विरोध को काबू करने में नाकाम साबित हुई। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है दिल्ली पुलिस हालात को बेहतर तरीके से संभाल सकती थी, उन्होंने पूरी तरह इसमें चूक की है।” उन्होंने आगे कहा, ”विपक्षी पार्टियों को पीड़ित या सेना से कोई लेना-देना नहीं है। यही लोग सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना पर सवाल उठा रहे थे और वे सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं।”
बुधवार को सिंह ने पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने की हठ लगाए राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था, ”OROP को राजनीति से दूर रखना चाहिए, यह अच्छा रहेगा। राहुल गांधी को इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। सुसाइड के पीछे OROP को वजह बताया जा रहा है, जबकि यह पता नहीं कि उसकी (ग्रेवाल) मानसिक स्थिति क्या थी। इसकी जांच होनी चाहिए।”