भारत की प्रतिष्ठित यूनीवर्सिटी जेएनयू में देशविरोधी नारों को लेकर सुर्खियों में आए तत्कालिक प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार एक बार खबरों का हिस्सा बन गए हैं। उन्होने कहा है कि जब रोम रोम में राम बसते हैं तो तो आप को विवादित परिसर में ही राम क्यों दिखते है? वह सोमवार को फार्ब्स इंटर कॉलेज में आयोजित ‘शिक्षा बचाओ, संविधान बचाओ, रोजगार बचाओ और लोकतंत्र बचाओ’ विषय को लेकर जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर सवालों के तीर छोड़ते हुए कहा कि वजीफा, शिक्षा और रोजगार की बात करना क्या देशद्रोह है? दलित, पिछड़ा, मजदूर और महिला के हक-हकूक की बात करना क्या देशद्रोह है? पीएम की नीतियों पर सवाल करना क्या देशद्रोह है? जवाब दिया, देशद्रोह उनको लग सकता है, जिनका देश से कोई लेना-देना नहीं है। देश की संप्रभुता को बराक ओबामा के चरणों में रख दिया गया। हम उस डोनाल्ड ट्रंप का भजन क्यों सुन रहे हैं जिसने बाहरियों को अमेरिका में नहीं घुसने देने का ऐलान कर रखा है?